सुरक्षा परिषद से पाक की मांग- हाफिज सईद को जरूरतें पूरी करने के लिए बैंक से पैसे निकालने दें

पाकिस्तान का आतंकवाद समर्थक चेहरा एक बार फिर नजर आया। इमरान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से मांग की थी कि वह 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को हर महीने बैंक से कुछ रकम निकालने की अनुमति दी जाए, ताकि वह अपनी मूलभूत जरूरतें पूरी कर सके। यूएन की कमेटी ने पाक सरकार की बात मानते हुए सईद को अपने और परिवार के भरण-पोषण के लिए निजी अकाउंट इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। 


पाक की मांगों पर किसी ने नहीं दर्ज कराई आपत्ति


यूएनएससी में हाफिज को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बाद से ही उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगे हैं। इस साल जुलाई में पाकिस्तान सरकार ने हाफिज को गिरफ्तार कर उसके सभी बैंक अकाउंट बंद कर दिए थे। हालांकि, पिछले महीने इमरान सरकार ने यूएन से अपील की थी कि वह सईद को डेढ़ लाख पाकिस्तानी रुपए निकालने की अनुमति दे। इस पर यूएन कमेटी ने पत्र जारी कर कहा कि पाक की मांग पर किसी भी देश ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई, लिहाजा सईद को रकम निकालने की अनुमति दी जाती है। 


आतंकियों पर कार्रवाई न करने के लिए ब्लैक लिस्ट हो सकता है पाक
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले साल पाक को आतंकवादियों पर कार्रवाई न करने के लिए अपनी ग्रे लिस्ट में डाला था। इसके बाद से ही पाक की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे गिरी है। अक्टूबर में एफएटीएफ एक बार फिर पाक को लेकर समीक्षा बैठक करेगा। हालांकि, माना जा रहा है कि इस बार उसे आतंक पर कार्रवाई में नाकाम रहने के लिए ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। 


26/11 हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सऊद
हाफिज सईद पाकिस्तान में जमात-उद-दावा का प्रमुख है। इस संगठन को लश्कर-ए-तैयबा का मुख्य चेहरा माना जाता है। 2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड भी सईद ही है। अमेरिका ने सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया है। उस पर 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 70 करोड़ रुपए) का इनाम भी रखा गया है। इसी साल मार्च में पाक सरकार ने हाफिज के संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत पर प्रतिबंध लगाया था।